पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय | Biography of Pandit Jawaharlal Nehru [2023]

पंडित-जवाहरलाल-नेहरू
पंडित जवाहरलाल नेहरू

पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री थे। वे भारत की स्वतन्त्रता के पहले और बाद की भारतीय राजनीति के प्रमुख व्यक्ति रहे। महात्मा गांधी के संरक्षण में, वे भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के एक बड़े नेता के रूप में सामने आए। उन्होंने 1947 से 1964 तक अपनी मृत्यु तक, भारत का शासन किया। उन्हें आधुनिक भारत के एक सम्प्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, और लोकतान्त्रिक गणतन्त्र का वास्तुकार माना जाता है। कश्मीरी पण्डित समुदाय होने के कारण लोग उन्हें पण्डित नेहरू भी कहते थे, जबकि बच्चे उन्हें चाचा नेहरू। उनके जन्म दिन को बाल दिवस यानी चिल्ड्रेन्स डे (childrens day) मनाया जाता है।

पंडित जवाहरलाल नेहरू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक अग्रणी व्यक्ति थे। उन्होंने आदर्शवादी समाजवादी प्रकार की सामाजिक-आर्थिक नीतियों की शुरुआत की थी। उन्होंने एक संसदीय सरकार की स्थापना की और विदेशी मामलों में अपनी गुटनिरपेक्ष या तटस्थ नीतियों के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा वे एक बहुत अच्छे लेखक भी थे और उन्होंने ‘द डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ और ‘ग्लिम्प्स ऑफ द वर्ल्ड हिस्ट्री’ जैसी किताबें लिखी जिसे आज भी बहुत पसंद किया जाता है।

पंडित जवाहरलाल नेहरू की संक्षिप्त जानकारी इस सारणी में दी गई है –

नामपंडित जवाहरलाल नेहरु
जन्म14 नवम्बर 1889, इलाहबाद, उत्तरप्रदेश
मृत्यु 27 मई 1964 (उम्र 74) नयी दिल्ली, भारत
शिक्षा ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज इन्स ऑफ़ कोर्ट
पेशाबैरिस्टर, राजनीतिज्ञ, लेखक
राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राजनीतिक विचारधाराराष्ट्रवाद, समाजवाद, लोकतंत्र
पुरस्कारभारत रत्न
अभिभावकमोतीलाल नेहरु, स्वरूपरानी नेहरु
पत्नीकमला नेहरु
बच्चे इंदिरा गाँधी

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय

जवाहर लाल नेहरू का प्रारंभिक जीवन

पंडित-जवाहरलाल-नेहरू
पंडित जवाहरलाल नेहरू

जवाहरलाल नेहरू का जन्म एक सम्पन्न सारस्वत ब्राह्मण परिवार में 14 नवंबर 1889 को हुआ था। उनके पिता मोतीलाल नेहरू, एक धनी वकील और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख नेता थे। वे अपने पिता के सबसे बड़े और इकलौते बेटे थे जबकि उनकी दो बहिनें थी। उनका पालन-पोषण काफी हद तक पश्चिमी था।

जवाहरलाल नेहरू ने दुनिया के कुछ बेहतरीन स्कूलों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने हैरो से स्कूल की प्रारम्भिक शिक्षा और ट्रिनिटी कॉलेज लन्दन से लॉ की शिक्षा प्राप्त की। नेहरु जी ने देश विदेश के नामी विद्यालयों और महाविद्यालयों से शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से कानून की भी शिक्षा ली।

1912 के आसपास वे भारत वापस आ गए और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में कानून का अभ्यास शुरू किया। 1916 में, नेहरू ने कमला से शादी की, इसके एक साल बाद 1917 में, इंदिरा प्रियदर्शिनी जो बाद में इंदिरा गांधी के रूप में प्रसिद्ध हुई उनका जन्म हुआ। इसी वर्ष वे होम रूल एसोसिएशन में भी शामिल हुए।

जवाहरलाल नेहरू का राजनीतिक सफर

जवाहरलाल नेहरू का राजनीतिक सफर तब शुरू हुआ जब वे महात्मा गांधी के संपर्क में आए। उस समय महात्मा गांधी ने रॉलेट अधिनियम के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था। नेहरू, महात्मा गांधी के शांतिपूर्ण, सविनय अवज्ञा आंदोलन के प्रति बहुत आकर्षित हुए।

जवाहरलाल नेहरू ने असहयोग आंदोलन में भी हिस्सा लिया इस दौरान वे पहली बार गिरफ्तार किए गए। किन्तु बाद उन्हें जल्द ही रिहा कर दिया गया। 1929 में, कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन लाहौर में आयोजित किया गया था जिसमें जवाहरलाल नेहरू कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष चुने गए। इसी सत्र के दौरान एक प्रस्ताव भी पारित किया गया जिसमें ‘पूर्ण स्वराज्य’ की मांग की गई थी।

26 जनवरी 1930 को लाहौर में जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्र भारत का झंडा फहराया। जवाहरलाल नेहरू कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए 1936 – 1937 में चुने गए थे। उन्हें 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान गिरफ्तार भी किया गया था इसके बाद उन्हें 1945 में छोड़ दिया गया। 1947 में भारत और पाकिस्तान की आजादी के समय उन्होंने ब्रिटिश सरकार के साथ हुई वार्ताओं में महत्त्वपूर्ण भागीदारी की थी।

भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री के रूप में

सन् 1947 में भारत को आजादी मिलने पर जब भावी प्रधानमन्त्री के लिये कांग्रेस में मतदान हुआ तो सरदार पटेल को सर्वाधिक मत मिले। किन्तु गांधीजी के कहने पर जवाहरलाल नेहरू को प्रधानमन्त्री बनाया गया। 1947 में वे स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमन्त्री बने। इसके बाद नेहरू तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने।

अंग्रेजों ने करीब 500 देशी रजवाड़ों को एक साथ स्वतंत्र किया था। किंतु उस समय सबसे बडी चुनौती यह थी कि उन्हें एक झंडे के नीचे लाना। उन्होंने भारत के पुनर्गठन के रास्ते में उभरी हर चुनौती का समझदारी पूर्वक सामना किया। जवाहरलाल नेहरू ने आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने योजना आयोग का गठन किया, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को प्रोत्साहित किया और तीन लगातार पंचवर्षीय योजनाओं का शुभारंभ किया। उनकी नीतियों के कारण देश में कृषि और उद्योग का एक नया युग शुरु हुआ। नेहरू ने भारत की विदेश नीति के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।

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जवाहरलाल नेहरू का देश के लिए योगदान

देश के पहले प्रधानमंत्री होने के साथ ही पंडित जवाहरलाल नेहरू आधुनिक भारत के निर्माता भी हैं। देश की आजादी से लेकर आजाद भारत को सम्रद्ध बनाने में नेहरू का अहम योगदान रहा है। आजादी से पहले पं‍डित जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी। आजादी की लड़ाई के चलते उन्हें 9 बार जेल भी जाना पड़ा था।

भारत के आजाद होने के बाद पंडित नेहरू ने शिक्षा, सामाजिक सुधार, धर्मनिरपेक्षता, आर्थिक क्षेत्र, राष्ट्रीय सुरक्षा और औद्योगीकरण सहित कई क्षेत्रों में काम किया। देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल अतुलनीय रहा। इसीलिए तो वे सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री के पद पर रहे (1947 से 1964 अपनी मृत्यु तक)।

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत को एक आधुनिक शक्तिशाली देश के रूप में सामने लाया। अंतर्राष्ट्रीय मामलों में, उन्होंने भारत को शीत युद्ध के दो गुटों से दूर रखा। इसके अलावा उन्होंने भारत की तरक्की के लिए अनेक काम किया। इसीलिए तो उनके काम को आज भी याद किया जाता है।

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पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु

27 मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। दिल्ली में यमुना नदी के तट पर शांतिवन में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार

भारत के पहले प्रधान मंत्री, जवाहरलाल नेहरू को 1955 में, भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें कई बड़े राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं। उनके सम्मान में कई परियोजनाओं और राजमार्गों का निर्माण किया गया है। उनके सम्मान में जवाहरलाल नेहरू स्कूल, जवाहरलाल नेहरू प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू कैंसर अस्पताल की भी स्थापना की गई है।

बाल दिवस (Children’s day)

प्रत्येक वर्ष भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन (14 नवंबर 1889) को देश भर में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु को बच्चे प्यार से चाचा नेहरू कह कर पुकारते थे। दरअसल, चाचा नेहरू को बच्चों के प्रति काफी लगाव था और वो हमेशा उनके बीच में रहना पसंद करते थे।

उनका बचपन भी आम बच्चों की तरह ही था। वे बचपन में बहुत शरारत किया करते थे इसलिए उन्हें मार भी खानी पड़ती थी। पंडित जवाहर लाल नेहरू का बचपन खुद दूसरे बच्चों और लोगों के लिए एक प्रेरणास्रोत रहा है। भारत को आजादी मिलने के बाद उन्‍होंने बच्चों और युवाओं के अधिकार और उनकी शिक्षा के लिए बहुत काम किया था। इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

नेहरू जी कोट में लगाते थे गुलाब का फूल

पंडित जवाहरलाल नेहरू को गुलाब का फूल बहुत पसंद था। इसलिए वो अक्सर अपने कोट में गुलाब का फूल लगाया करते थे। उनके अपने कोट में फूल लगाने के पीछे कई कहानियां प्रचलित है। ऐसा कहा जाता है कि वे अपनी पत्नी कमला नेहरू की याद में हर दिन अपने कोट में लाल गुलाब लगाया करते थे।

उनके बारे में यह भी कहा जाता है, जब 1938 के आसपास एक जुलूस में एक बच्ची ने उनके कोट पर लाल गुलाब लगा दिया था। तब से वे अपने कोट में गुलाब का फूल लगाते थे। जवाहरलाल नेहरू बच्चों की तुलना हमेशा गुलाब के फूल से करते थे। वो कहते थे कि बच्चे बाग की कलियों के जैसे होते हैं। उन्हें प्यार, स्नेह से बड़ा करना पड़ता है, क्योंकि वो ही देश का भविष्य हैं।

जवाहरलाल नेहरू की पुस्तकें

जवाहरलाल नेहरू नेता के अलावा एक सफल लेखक भी थे उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं – बेटी का नाम, विश्व इतिहास की झलक, राजनीति से दूर, इतिहास के महान पुरुष, राष्ट्रपिता, मेरी कहानी, भारत की खोज आदि पुस्तकें पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखी गई है।

नेहरू ने अधिकांश पुस्तकें जेल में रहते हुए लिखा था। जेल में रहते हुए ही उन्होंने अपनी बेटी इंदिरा को लिखे गए पत्र “लेटर्स फ्रॉम फादर टू डॉटर”, बहुत प्रसिद्ध हुआ था। इसके अलावा, उनकी “डिस्कवरी ऑफ इंडिया” को सबसे बड़ी उपलब्धि माना जाता है।

पंडित जवाहरलाल नेहरू के कोट्स

अब जानते हैं पंडित जवाहरलाल नेहरू के द्वारा कहे गए प्रेरणादायक विचार जो आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

जीवन ताश के पत्तों के खेल की तरह है। आपके हाथ में जो है वह नियति है, जिस तरह से आप खेलते हैं वह स्वतंत्र इच्छा है।

आप तस्वीर के चेहरे दीवार की तरफ मोड़ के इतिहास का रुख नहीं बदल सकते।

जो व्यक्ति अधिकतर अपने ही गुणों का बखान करता रहता है वो अक्सर सबसे कम गुणी होता है।

बच्चे बगीचे की एक कली की तरह होते हैं जिन्हें अच्छी देखभाल की जरूरत होती है क्योंकि वे देश का भविष्य और कल के नागरिक हैं।

जब तक आपके पास संयम और धैर्य नहीं है, तब तक आपके सपने राख में मिलते रहेंगे।

जो व्यक्ति भागता है वह शांत बैठे व्यक्ति की तुलना में अधिक खतरे में पड़ जाता है।

सत्य हमेशा सत्य ही रहता हैं चाहे आप पसंद करें या ना करें।

FAQ

Q : पंडित पंडित जवाहरलाल नेहरू कौन थे?

Ans :पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। उनका जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था।

Q : जवाहरलाल नेहरू इतिहास में किस लिए प्रसिद्ध है?

Ans : जवाहरलाल नेहरू ने भारत को स्वतंत्रता दिलाने में मदद की, जिसने ब्रिटिश राज को समाप्त कर दिया । भारत के पहले प्रधान मंत्री के रूप में, उन्होंने भारत को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का एक महत्वपूर्ण सदस्य बनाने के लिए काम किया।

Q : भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे?

Ans : जवाहरलाल नेहरू, 58 वर्ष के थे जब उन्होंने स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री के रूप में 17 वर्षों की लंबी पारी शुरू की।

Q : पंडित जवाहरलाल नेहरू का दूसरा नाम क्या था?

Ans : पंडित संप्रदाय से होने के कारण उन्हें पंडित नेहरु भी कहा जाता था। जबकि बच्चो से उनके लगाव के कारण बच्चे उन्हें “चाचा नेहरु” के नाम से जानते थे।

Q : 1947 में नेहरू प्रधानमंत्री कैसे बने?

Ans : सन् 1947 में भारत को आजादी मिलने पर जब भावी प्रधानमन्त्री के लिये कांग्रेस में मतदान हुआ तो सरदार पटेल को सर्वाधिक मत मिले। उसके बाद सर्वाधिक मत आचार्य कृपलानी को मिले थे। किन्तु गांधीजी के कहने पर सरदार पटेल और आचार्य कृपलानी ने अपना नाम वापस ले लिया और जवाहरलाल नेहरू को प्रधानमन्त्री बनाया गया।

Q : क्यों गांधी ने पटेल के ऊपर नेहरू को चुना?

Ans : गांधी जी को लगता था कि नेहरू अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत का प्रतिनिधित्व सरदार पटेल से बेहतर तरीके से कर पाएंगे। इस तरह से नेहरू के प्रधानमंत्री बनने की राह महात्मा गांधी की वजह से खुली थी। आजादी के बाद 15 अगस्त 1947 को सरदार पटेल को उप प्रधानमंत्री बनाया गया।

Q : भारत में सबसे लंबा पीएम कौन है?

Ans : सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू थे, जो पहले प्रधान मंत्री भी थे, जिनका कार्यकाल 16 साल और 286 दिनों तक चला।

Q : जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु कब और कैसे हुई

Ans : 27 मई 1964 को जवाहरलाल नेहरू को दिल का दौरा पड़ा जिसमें उनकी मृत्यु हो गयी।

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